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DNA Live Breaking News, दिल्ली में कोरोना 10,258 COVID-19 बेकाबू

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दिल्ली मेट्रो में 10 रुपये कैसे खर्च करें और 50 रुपये की यात्रा कैसे करें? लड़के ने शेयर की अनोखी ट्रिक

दिल्ली मेट्रो अभी भी ऑनलाइन मीम्स और बातचीत का एक लोकप्रिय विषय है। एक लड़के ने पैसे बचाने के लिए दिल्ली मेट्रो किराया प्रणाली को मूर्ख बनाने के निर्देश पोस्ट किए हैं, मेमे उत्सव के बाद प्रफुल्लित रेडिट और ट्विटर पर बातचीत, “ब्रेलेट गर्ल” पर विभाजित राय और मेट्रो में दो लोगों के बीच हाथापाई। More News
रेडिट पर, उन्होंने दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन (हुडा सिटी सेंटर – समयपुर बादली) पर 50 रुपये की यात्रा के लिए 10 रुपये के टिकट का उपयोग करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया दिखाई है. वह इस मार्ग का उपयोग करके स्थिति को दर्शाता है। बच्चे का कहना है कि दो लोगों का सहयोग बेशक दिल्ली मेट्रो रेल पार्टनरशिप के प्रवेश ढांचे को धोखा दे सकता है।
लड़का बताता है कि सुरेश चावड़ी बाजार से एमजी रोड जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करता है। उसका साथी राजू हुडा डाउनटाउन क्षेत्र से नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो की सवारी करता है।

दोनों मार्गों के लिए, टोकन की कीमत आमतौर पर लगभग 50 रुपये होती है. बहरहाल, टीम 10 रुपये में कुतुब मीनार स्टेशन के लिए टोकन खरीदती है।
वे कुतुब मीनार स्टेशन पर टोकन का आदान-प्रदान करते हैं जहां वे मिलते हैं। सुरेश एमजी रोड के लिए अपनी सवारी जारी रखता है, और राजू नई दिल्ली स्टेशन के लिए अपनी यात्रा फिर से शुरू करता है। इस तरह टूर पर 100 रुपये देने की जगह 20 रुपये में ड्राइव तैयार हो जाती है। More News
हालांकि, युवा इस बात पर जोर देते हैं कि चाल को दूर करने का एकमात्र तरीका रचनात्मक आलोचना करना है न कि दिल्ली मेट्रो को धोखा देना

Inside Story: क्या प्लान के तहत साबरमती जेल से अतीक को पुलिस ने निकाला, निशाना था असद?

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपियों की पहचान कर उनके पीछे पुलिस टीम लगाई गई थीं.

उमेश पाल हत्याकांड में करीब डेढ़ महीने से ज्यादा समय के बाद पांच लाख का इनामी और माफिया अतीक अहमद का बेटा असद आखिरकार पुलिस के चक्रव्यूह में फंस ही गया। पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन को बड़ी ही सटीकता से अंजाम दिया। जी हां, अगर पूरे घटनाक्रम पर गौर करें तो पुलिस ने इस पूरे प्लान को बड़ी सूझ-बूझ के साथ अंजाम दिया। अतीक अहमद को साबरमती जेल से झांसी के रास्ते प्रयागराज लाना ये दर्शाता है कि इसके पीछे असद को बाहर लाने का प्लान था। पुलिस के मुताबिक, अतीक और अशरफ को छुड़ाने के लिए असद पुलिस काफिले पर हमले की फिराक में था। मुमकिन है कि पुलिस पूरी योजना के तहत सड़क के रास्ते अतीक को दो बार प्रयागराज लेकर आई, ताकि असद और उसके गुर्गे बाहर निकलें, और हुआ भी वही। आइए विस्तार से जानते हैं वो बातें जो इन संभावनाओं को और मजबूती देती हैं. More News

अतीक-अशरफ को छुड़ाने के लिए काफिले पर हमला करना चाहता था असद
यूपी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपियों की पहचान कर उनके पीछे पुलिस टीम लगाई गई थीं। आज हत्यारोपियों को ढेर कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि अतीक और अशरफ को छुड़ाने के लिए पुलिस काफिले पर असद हमला करना चाहता था,

राहुल गांधी को नहीं मिली राहत, सूरत सेशंस कोर्ट में चली दलीलें, अब 20 अप्रैल को फैसला?

सूरत. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) को मानहानि केस में मिली सजा पर रोक लगाने की याचिका पर सूरत की सेशंस कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. कोर्ट इस मामले में 20 अप्रैल को फैसला सुना सकता है. मोदी सरनेम को लेकर दिए गए बयान के कारण आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए थे. इसके कारण उन्‍हें 2 साल की सजा सुनाई गई थी. इस संबंध में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को तय की गई है और माना जा रहा है कि उस दिन फैसला आ सकता है, राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में फैसले को चुनौती देते हुए अपनी दोषसिद्धि पर रोक की याचिका दा‍खिल की थी. कानून के जानकारों की मानें तो यदि कोर्ट राहुल गांधी के पक्ष में फैसला सुनाती है तो उनकी लोकसभा की सदस्‍यता बहाल हो सकती है. राहुल गांधी की ओर से कन्विक्शन रद्द करने की अपील की गई है. यदि कोर्ट अपील मंजूर करती है तो इससे राहुल गांधी को राहत मिल सकती है More News

राहुल गांधी के वकील ने पेश की दलीलें, कहा- एक वाक्‍य के लिए इतनी बड़ी सजा दी गई?
इधर, गुरुवार को कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से आरएस चीमा ने दलीलें पेश कीं. उन्‍होंने कहा कि एक सेंटेंस के लिये सबसे कड़ी सजा दी गई है, इतनी कड़ी सजा की ज़रूरत नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा वार्निंग दिये जाने से पहले का यह गुनाह रहा है, जो कोर्ट ने ध्यान में लिया नहीं है. मोदी तो 13 करोड़ लोग हैं, मोदी मैं ही हूँ ऐसी फ़रियाद कोई कर सकता नहीं. सामान्य रूप से इस पर स्टे देना चाहिये. कोर्ट को उस भाषण की जांच करनी चाहिए और यह देखना होगा कि शिकायतकर्ता पीड़ित व्‍यक्ति है या नहीं. कानून के अनुसार केवल पीड़ित ही शिकायत कर सकता है. चीमा ने गवाह का एक बयान पढ़ते हुए कहा कि मोदी जाति नहीं है, गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है,

राहुल गांधी पर मानहानि के 10 से अधिक मामले, सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई?
इधर पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित टोलिया ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ 10 से अधिक आपराधिक मानहानि के मामले चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्‍हें फटकार लगाई है. वकील ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद भी कह रहे हैं कि कोई गलती नहीं की. कोर्ट से मिली सजा के कारण राहुल गांधी को अयोग्‍य करार दिया गया है, लेकिन वे चुनाव और उसकी जीत का तर्क दे रहे हैं. वकील ने कहा कि राहुल गांधी को सही सजा मिली है, जब वे रैली को संबोधित कर रहे थे, तब वे पूरी तरह होश में थे More News